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Jinshaasanashtak ("जिनशासनाष्टक")
"जिनशासनाष्टक" रत्नात्रयमय जिनशासन ही महावीर का शासन है। क्या चिंता अध्रुव की तुझको, ध्रुव तेरा सिंहासन है ।।टेक॥ द्रव्यदृष्टि स...

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चूहो! म्याऊँ सो रही है घर के पीछे, छत के नीचे, पाँव पसारे, पूँछ सँवारे। देखो कोई, मौसी सोई, नासों में से. साँसों में से। घर घर घर घर हो रही...
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पर भाव त्याग तू बन शीघ्र दिगम्बर छिदजाय, भिदजाय, गलजाय, सड़जाय, सुधी कहे फिरभी विनश्वर जड़काय । करे परिणमन जब निज भावों से सब, देह नश रह...
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Chetan Nij Ko Jaan Jara (चेतन निज को जान जरा) आत्मानुभवसे नियमसे होती सकल करम निर्जरा दुखकी शृंखला मिटे भव फेरी मिट जाय जनन जरा परमें सुख ...