क्यों
आज मेरा मन उदास है?
क्यों आज मेरा मन उदास है?
नहीं जानता में
क्या कहु ?
किससे कहूँ?
में घिरा हु अपनो से
फिर भी में अकेला हु
जाने क्यों
कैसे में प्यासा भुजाउ
इस विचलित मन से
इस सूनेपन से
घबराहट सी है मन में
जाने क्यों
में कमजोर पढ़ गया हु
जैसे अपनी ही नाकामियों से
क्यों दोष देता हु?
क्यों कोसता हु तकदीर को ?
क्यों पाता अकेला खुद से ?
जाने क्यों
सुख कि चाहत है
दुःख से में अनजान हु
फस गया जैसे सुःख-दुःख के भवर में
जाने क्यों
फेला है सपनो का माया जाल
रोज सजते है सपने इन आखो में
कुछ सपने मुकाम पाते है
तो कुछ दम तोड़ देते है
जाने क्यों
आज मेरा मन उदास है
कब उभरेंगे इस उदास
मन से
और कब समलैंगे
क्यों नहीं हम समझ
पाते
जिंदगी बहुत छोटी है
वक्त बहुत कम है
मौत सामने खड़ी है
करलो कुछ उद्धार खुद
का
न मालूम यह पंछी कब
उड़ जायेगा
जाने क्यों
मेरा मन उदास है
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