Tuesday, 15 December 2020

पर की अपकीर्ति फैलाकर - आत्मबोध शतक - आर्यिका रत्न श्री पुर्णमति माताजी

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Jinshaasanashtak ("जिनशासनाष्टक")

  "जिनशासनाष्टक" रत्नात्रयमय जिनशासन ही महावीर का शासन है। क्या चिंता अध्रुव की तुझको, ध्रुव तेरा सिंहासन है ।।टेक॥ द्रव्यदृष्टि स...