नए साल
की
पहली
किरण
बेरंग
निशा के
तिमिर
को चीरती हुई
देदीप्यमान
कर देगी
जीवन के नविन
सफर को
तेज
होगई है धड़कन
मच गई
है हलचल
चारो
ओर है शोर ओ ग़ुल
उड़
गई है मेरी नींद
खोगया
है चैन मेरा
वक्त
बढ़ रहा है धीरे धीरे
दस्तक
दी उसने दहलीज़ पे
आग़ाज़
हुआ नए साल का
अभिनंदन
हे नए साल तुम्हारा
नए सवेरे
का नए साल में
शत-शत
नमस्कार है
नए युग
का आगाज है
ये नई
सोच के साथ
सफर
पर नव्य पगडण्डी के
दृढ़
संकल्प नव्य ग्रहण करे
ऊर्जा
करो नव्य अभिगृहीत
खुशी
के नव्य रंग भरो जीवन में
ज्ञान
और विज्ञान से उन्नत करो
अंधश्रद्धा
को निकाल फेको जड़ से
पुनर्निर्माण
करो भारत देश का
धारण
करो धर्म के संस्कार को
बनाओ
देश और समाज को उन्नत
इच्छाओं
के शीर्ष उड़ान पर
परिपूर्ण
हो हर कामना मेरी
हर ख़ुशी
आपके कदम चूमे
हम तो
यही दुआ करते है
नया साल आपका
शुभ हो।
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