मैंने एक फूल से कहा:...
मैंने एक फूल से कहा:...
कल तुम मुरझा जाओगे:..!
फिर क्यों मुस्कुराते हो ..?
व्यर्थ में यह ताजगी ...
किस लिए लुटाते हो ..??
फूल चुप रहा...!!
इतने में एक तितली आई ..!
पल भर आनंद लिया ..!
उड गई ..!!
एक भौंरा आया..!
गान सुनाया ..!
सुगंध बटोरी..!
और आगे बढ गया ..!!
एक मधुमक्खी आई..!
पल भर भिन भिनाई ..!
पराग समेटा ..! और ...
झूमती गाती चली गई ..!!
खेलते हुए एक बालक ने ...
स्पर्श सुख लिया ..!
रूप-लावण्य निहारा..!
मुस्कुराया..! और...
खेलने लग गया..!!
तब फूल बोला:-----
मित्र: !
क्षण भर को ही सही:...
मेरे जीवन ने कितनों...
को सुख दिया ..!
क्या तुमने भी कभी..?
ऐसा किया ..???
कल की चिन्ता में ...
आज के आनंद में ...
विराम क्यो करूँ..?
माटी ने जो ...
रूप; रंग; रस; गंध दिए ..!
उसे बदनाम क्यो करूँ..?
मैं हँसता हूँ..! क्योंकि...
हँसना मुझे आता हैं ..!
मैं खिलता हूँ..! क्योंकि ...
खिलना मुझे सुहाता हैं ..!
मैं मुरझा गया तो क्या ..?
कल फिर एक ...
नया फूल खिलेगा ..!
न कभी मुस्कान रुकी हैं .. नही सुगंध ...!!
जीवन तो एक सिलसिला है ..!
इसी तरह चलेगा :!!
जो आपको मिला है ...
उस में खुश रहिये ..!
और प्रभु का ...
शुक्रिया कीजिए ..!
क्योंकि आप जो ...
जीवन जी रहे हैं ...
वो जीवन कई लोगों ने ...
देखा तक नहीं है..!
खुश रहिये ..!
मुस्कुराते रहिये ..!
और अपनों को भी ...
खुश रखिए ..!!
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