Friday 5 March 2021

Pagdi in Hindi = NCERT Class 1

पगड़ी

मैली पगड़ी,
इतनी रगड़ी,
इंतनी रगड़ी,
इतनी रगड़ी,
इतनी रगड़ी,
रह गया मैल,
न रह गई पगड़ी।

हट्टी-कट्टी।
मोटी-तगड़ी,
मलकिन झगड़ी,
इतनी झगड़ी,
इतनी झगड़ी,
इतनी झगड़ी,
इतनी झगड़ी,
तर गया मैल,
और तर गई पगड़ी।

***सर्वेश्वरदयाल सक्सेना***


काव्यांशों की व्याख्या
प्रस्तुत पंक्तियाँ NCERT Book रिमझिम, भाग-1 से ली गयी है कविता का शीर्षक है ‘पगड़ी’ एक बड़ी रोचक कविता है। इस कविता में विचित्र स्थितियों का सामना करती एक पगड़ी का वर्णन किया गया है। कवि कह रहा है कि एक पगड़ी को रगड़-रगड़कर इतना साफ़ किया गया कि मैल तो रह गई, किंतु पगड़ी फट गई। इस पर पगड़ी की हट्टी-कट्टी मालकिन इतनी झगड़ी कि मैल और पगड़ी दोनों ही तर-बतर हो गए।

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