Wednesday 11 January 2017

जिंदगी


खाली है कुछ पन्ने जिंदगी के
कलम की काली स्याही से
हर रोज भरता हु इन पन्नो को
फिर भी खाली है पन्ने

हर रात उठता हु सौ कर
सुबह के इंतजार में
सोचता हु करूँगा सपने पुरे
एक नया आयाम दूंगा 
फिर व्यस्त हो जाता हु
जिंदगी की राह मे 

बस कट रही है जिंदगी
खुशी के इंतजार में
बेमानी सी है जिंदगी
में जिये जा रहा हु

हम खुश होते है तो
मनोहर है जिंदगी 
हम दुखी होते है तो
दोजख है जिंदगी

मत जियो अधीनता में 
जियो स्वाधीन ता से
जियो मुसकराहट से
जिंदगी आपकी है
तो जियो अपने ही अनदाज में

जिंदगी हाथ में रखी रेत के समान है
जो पल पल फिसल ती जा रही है
जिलो ये जिंदगी हस कर
और मुस्कुराकर
कब ये शाम ढल सी जाए 

में दुआ मांगता हु
इस दिल की गहराही से
ये जिंदगी किसे के काम आ जाए
इस उमीद में जिये जारहा हु 
यही जिंदगी का फलसफा है

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