नही है युवा देह
ये तो अहसास है मन का
ये तो उतसाह है मन का
विभिन्न चरणों में है देह
बाधा नहीं ये चरण
किन्तु असर है इस मन पर भी
बंद नहीं है खिड़की-दरवाजे
बंद नहीं है विचार
बांधा नहीं है बेड़ियाँ से
इस युवा मन को…………….
खुला है आसमान
खुले है विचार
जोश है दिल में
साहस है जित ने का
इच्छा है पाने की
लगन है कर दिखने की
विश्वास है खुद पर
इस युवा मन को…………….
जब जब ठान लिया
दम लिया करके
जिसको माना अपना
लुटा दिया समग्र
न है सोच नकारात्मक
न है बहाना ना करने का
सुखी होता है नई चुनौतियों से
दिखाता है वीरता स्वयं की
उतसाह है इस युवा मन में………
ना है उसे डर भूत का
लुटता है आगामी को
खूशबु भरता है मौजूदा में
नहीं है वे बाध्य
चलने के लिए पूर्व राह पर
वे निर्मित करते है नई पगडंडी
यही परिवर्तन है जीवन का
समाज का, प्रकृति का
न रखती है उम्र मायने
न कोई रुकावट
होगो तुम्हे स्वीकार ना ….
अब नहीं रुकेंगे ये युवा
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