भगवान कहा से हो
सब्जी हो गई रासायनिक, स्वाद कहा से हो
फसल हो गई ख़राब, अनाज कहा से हो
भोजन हो गया मिलावट का, ताकत कहा से हो
पानी हुआ गन्दा, फ़िल्टर कहा से हो
फुल हुआ आर्टिफीसियल, सुघंद कहा से हो
पुलिस हुई मकार, चोर कहा से हो
कंप्यूटर में लग गया वायरस, फाइल कहा से हो
चेनल हुए बेईमान, अच्छे सीरियल कहा से हो
गवर्मेंट कर्मचारी हो गए मठे, काम कहा से हो
मास्टर हुआ ट्यूशन खोर, विध्या कहा से हो
इंसान हो गया स्वार्थी, यकीन कहा से हो
आकांक्षा बढती जाये, संतोष कहा से हो
सोच हो गई गलत, दूर कहा से हो
भगवान कहा से हो, 2……………………
जीवन का यह प्रश्न है, भगवान कहा से हो
जीवन हो गया दुखो से भरा, सुख कहा से हो
भक्ति किसकी हो, जो भक्तों से कहे
संत हुए लोभी, धर्म कहा से हो
भक्त हुआ स्वार्थी, भगवान कहा से हो
भगवान तो हर जगह है, एतबार कहा से हो
भगवान तो हमारे रोम रोम मे बसते है, विशवास
कहा से हो
भगवान कहा से हो, 2……………………
No comments:
Post a Comment