झूल रहा है ये जीवन
सफलता-असफलता के बीच
असफलता के पथ पर
तू गुनगुना, सफलता के गीत
तू रुक मत, चलता चला जा
तू होने ना दे, मन को हताश
तू रख हौसला, होगी मुश्किल आसान
तू आँखे खोल, है यह सुबह नई
तू सफल आज नहीं तो कल होगा..
कर प्रयत्न
कभी जित से, तो कभी हार
के लिए
कभी नींद से, तो कभी सोने
के लिए
कभी सपनो से, तो कभी सपनो
के लिए
कभी जीवन से, तो कभी मृत्यु
के लिए
कभी रोते हुए, तो कभी मुस्कराते
हुए
कभी घबरा मत, तू प्रयत्न
से
तू प्रयत्न करता चलाजा...........
क्यों विचलित हो जाता
है
क्यों भिगो देता है आसु
से
क्यों बर्दाश्त नहीं कर
पाता
क्यों खुश हो जाता है
क्यों भाग खड़ा होता है
क्यों प्रयत्न नहीं
करता
क्यों कैद हो जाता
सफलता-असफलता की जंजीर
में…
घड़ा भरता है बूंद-बूंद
से
सफलता मिल जाती है
थोड़ा थोड़ा प्रयत्न से
प्रयत्न कुंजी है सफलता
की
प्रयत्न ही एकमात्र
साधन है
स्वयं की खोज
हमें जोड़ना है
स्वयं को व्यक्ति से
स्वयं को धर्म से
स्वयं को स्वयं से
स्वयं को चलने के लिए
मुक्ति के पथ पर
प्रयत्न करना है......
प्रयत्न करते रहना
है....
झूल रहा है ये जीवन
सफलता-असफलता के बीच
असफलता के पथ पर
तू गुनगुना, सफलता के गीत
तू रुक मत, चलता चला जा
तू होने ना दे, मन को हताश
तू रख हौसला, होगी मुश्किल आसान
तू आँखे खोल, है यह सुबह नई
तू सफल आज नहीं तो कल होगा..
कर प्रयत्न
कर प्रयत्न
कभी जित से, तो कभी हार
के लिए
कभी नींद से, तो कभी सोने
के लिए
कभी सपनो से, तो कभी सपनो
के लिए
कभी जीवन से, तो कभी मृत्यु
के लिए
कभी रोते हुए, तो कभी मुस्कराते
हुए
कभी घबरा मत, तू प्रयत्न
से
तू प्रयत्न करता चलाजा...........
क्यों विचलित हो जाता
है
क्यों भिगो देता है आसु
से
क्यों बर्दाश्त नहीं कर
पाता
क्यों खुश हो जाता है
क्यों भाग खड़ा होता है
क्यों प्रयत्न नहीं
करता
क्यों कैद हो जाता
सफलता-असफलता की जंजीर
में…
घड़ा भरता है बूंद-बूंद
से
सफलता मिल जाती है
थोड़ा थोड़ा प्रयत्न से
प्रयत्न कुंजी है सफलता
की
प्रयत्न ही एकमात्र
साधन है
स्वयं की खोज
हमें जोड़ना है
स्वयं को व्यक्ति से
स्वयं को धर्म से
स्वयं को स्वयं से
स्वयं को चलने के लिए
मुक्ति के पथ पर
प्रयत्न करना है......
प्रयत्न करते रहना
है....
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